Facebook और Twitter को क्या आधार से लिंक करना चाहिए? इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। कोर्ट में अटर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक करना देशहित में है।
अटर्नी जनरल ने जस्टिस दीपक गुप्ता की अगुवाई वाले बेंच के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम बढ़ने, सोशल मीडिया के जरिए आतंकी गतिविधियों या हिंसा को बढ़ावा देने, पॉर्नोग्राफी पर रोक लगाने के लिए जांच एजेंसियों को यूजर्स की पहचान होनी चाहिए।
वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि ब्लू व्हेल जैसे ऑनलाइन गेम का खतरा भी सोशल मीडिया की वजह से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, इस गेम की वजह से कई लोगों की जान गई है। और हमें अभी तक यह पता नहीं चला है कि यह गेम कैसे शुरू हुआ और इसके पीछे कौन से लोग हैं। यह बहुत गंभीर बात है।
आधार को सोशल मीडिया से जोड़ने के मामले में चार याचिकाएं दायर की गई हैं।
इस मामले में चार याचिकाएं दायर की गई थीं। इनमें 2 मद्रास, 1 ओडिसा और 1 मुंबई की है। इस मामले में Facebook और WhatsApp की तरफ से पैरवी करने वाले मुकुल रोहतगी और कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को सारी याचिकाएं अपने पास ट्रांसफर ले लेना चाहिए ताकि अलग-अलग कोर्ट से फैसला नहीं आए।
इस मामले में Facebook और WhatsApp की पैरवी करने वाले वकीलों का कहना है कि ये अंतरराष्ट्रीय मामला है। लिहाजा ऐसा ना हो कि हाई कोर्ट कोई और फैसला ले और सुप्रीम कोर्ट कुछ और।
सिब्बल ने कहा कि सरकार को इस मामले में सोशल मीडिया का पक्ष जानना चाहिए। अटर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि इस मामले को लेकर कोर्ट में 18 दिनों तक सुनवाई हुई है, वहां फेसबुक की तरफ से कहा गया था कि वो हाई कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को मानते हैं।
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